Wednesday, 3 October 2012

टीम इंडिया से होगी सीनियर खिलाड़ियों की विदाई!

टीम इंडिया से होगी सीनियर खिलाड़ियों की विदाई!

 


कोलंबो : लगातार तीसरी बार आईसीसी टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद बीसीसीआई को इस प्रारूप में कुछ सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में कड़े फैसले लेने होंगे ।
संदीप पाटिल की अध्यक्षता वाली नयी चयन समिति को तय करना होगा कि वे मौजूदा टी20 टीम में आमूलचूल बदलाव चाहते हैं या कुछ सीनियर खिलाड़ियों को क्रमबद्ध तरीके से विदाई देना चाहेंगे ।
मौजूदा टी-20 विश्व कप में भारत के प्रदर्शन की समीक्षा की जाये तो दो सबसे सीनियर क्रिकेटरों वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान के खराब फार्म का खामियाजा भुगतना पड़ा ।सहवाग ने तीन मैचों में 18 की औसत से 54 रन बनाये । इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उन्हें आराम दिया गया और आस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम में जगह नहीं दी गई । रवि शास्त्री और अरविंद डिसिल्वा समेत कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस फैसले की निंदा की थी ।सहवाग ने बाकी तीन पारियों में भी कोई कमाल नहीं किया जिससे सवाल उठता है कि यह प्रारूप उन्हें रास भी आता है या नहीं ।
उनके जैसे खिलाड़ी से कम से कम 15वें ओवर तक टिके रहने की उम्मीद की जाती है जिस तरह क्रिस गेल वेस्टइंडीज के लिये खेल रहे हैं ।
सहवाग गैर जिम्मेदाराना शाट खेलकर आउट होते रहे हैं और स्वाभाविक खेल खेलने का जुमला भी अब पुराना हो चुका है । कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनसे गेंदबाजी भी नहीं कराई । या तो उनकी आफ स्पिन गेंदबाजी पर धोनी को भरोसा नहीं रहा या कंधे के आपरेशन के बाद वह गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं ।
कप्तान धोनी ने अधूरे मन से सहवाग का बचाव करते हुए कहा ,‘जब भी टीम खराब खेलती है तो ऐसे सवाल किये जाते हैं ।’ दूसरे खिलाड़ी जहीर खान हैं । पिछले कई साल से भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई कर रहे जहीर अब तीनों प्रारूपों में लगातार अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं ।
भारत के खराब प्रदर्शन का कारण शुरूआती ओवरों में जहीर का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना रहा है । इसके अलावा फील्डिंग में भी वह चुस्त नहीं है । ऐसे में टी-20 क्रिकेट में वह टीम के लिये बोझ बनते जा रहे हैं ।
भारत को टेस्ट मैच में उनके जैसे चतुर गेंदबाज की जरूरत है लेकिन टी-20 और वनडे में नहीं ।
युवराज सिंह ने कैंसर से उबरकर टीम में वापसी की और उन्हें चुनने का फैसला जज्बाती रहा । उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए छह से कम की औसत से रन देकर आठ विकेट लिये । भारत को हालांकि गेंदबाज युवराज की नहीं बल्कि बल्लेबाज युवराज की जरूरत है ।
कुछ महीने पहले तक गौतम गंभीर को भावी कप्तान माना जा रहा था लेकिन सभी प्रारूपों में उसका लगातार खराब फार्म चिंता का विषय बना हुआ है
पिछले दो साल में गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में शतक नहीं बनाया है । अब टी20 में भी उनका फार्म गिरता जा रहा है । पांच मैचों में वह सिर्फ 80 रन बना सके हैं जिससे भारत को किसी मैच में अच्छी शुरूआत नहीं मिल पाई । अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाजों ने ईरानी ट्राफी और चैलेंजर सीरिज में शानदार प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं का ध्यान फिर आकर्षित किया है । ऐसे में टीम में जगह बनाने के लिये कड़ी प्रतिस्पर्धा अवश्यंभावी है ।
इरफान पठान ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन 120 की रफ्तार से गेंदबाजी में स्विंग मिलने पर भी वह बल्लेबाज को रन बनाने से नहीं रोक सकते । उनका इकानामी रेट 8.5 रहा है ।
हरभजन सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ अच्छी वापसी की लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्हें बाहर करना हैरानी भरा फैसला था । रोहित शर्मा की जगह हरभजन गेंदबाजी करते तो हालात दीगर हो सकते थे ।
रोहित को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा मौके मिले होंगे लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी को छोड़कर सभी में निराश किया ।
कप्तान धोनी की आखिरी तीन ओवरों के लिये खुद केा बचाने की रणनीति का भी भारत को नुकसान हुआ है । टी-20 क्रिकेट में वह भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और उन्हें उपर उतरना चाहिये

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