Sunday, 7 October 2012

जल, जंगल, जमीन पर जनसत्याग्रह से जागी केंद्र सरकार


धौलपुर (मनोज शर्मा)। जल, जंगल और जमीन पर अपने हक के लिए दिल्ली की तरफ कूच कर रहे आदिवासी जनसत्याग्रहियों को केंद्र सरकार ने बातचीत का न्योता भेजा है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सोमवार को राष्ट्रीय एकता परिषद के प्रतिनिधिमंडल से बात करेंगे। इस बीच आदिवासियों की यात्रा मध्य प्रदेश पार कर शनिवार को राजस्थान के धौलपुर पहुंच गई।


इससे पहले, जनसत्याग्रह के पांचवें दिन मुरैना से धौलपुर के लिए निकले इन आदिवासियों के जोश में कोई कमी नहीं आई। इनका पैदल मार्च धीरे धीरे दिल्ली की ओर बढ़ता जा रहा है। देर से ही सही, अब केंद्र सरकार जागी है और वो आदिवासियों से बातचीत के लिए राजी है। 8 अक्टूबर को दोनों पक्षों में बातचीत होगी, लेकिन सत्याग्रहियों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर भूमि सुधार की पुख्ता नीति से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। दिल्ली कूच के तहत आदिवासी एक दिन में करीब 18 किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं। शनिवार को इनका कारवां मुरैना जिले के सराय छोला से राजस्थान के धौलपुर पहुंच गया। धौलपुर से आगे ये यात्रा अब आगरा की तरफ बढ़ेगी। आदिवासियों को यकीन है कि उनकी लड़ाई कामयाब रहेगी। एकता परिषद के बैनर तले हो रही इस पदयात्रा में करीब 50 हजार भूमिहीन आदिवासी शामिल हैं। ग्वालियर से 2 अक्टूबर को इनकी यात्रा शुरू हुई है और करीब 350 किलोमीटर की यात्रा तय कर 29 अक्टूबर को इनका दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है। जाहिर है आदिवासियों से अगर बातचीत नाकाम रही तो एक और मोर्चे पर सरकार को मुश्किल झेलनी पड़ेगी।


आदिवासियों की माने तो वो सरकार से खैरात नहीं मांग रहे, न ही कोई तोहफा। अब सरकार को तय करना है कि वो जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों का हक मानती है या नहीं।

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