जेएनयू में घमासान - स्टींग वाले लड़के से होगी पूछताछ ।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा के बाद एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया छात्र अक्षत अवस्थी शनिवार (18 जनवरी) को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ। एसआईटी ने अक्षत समेत तीन छात्रों के बयान दर्ज किए। वहीं, एसआईटी ने दो अन्य की पहचान कर उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया है। इनमें जेएनयू हिंसा में वायरल हुई तस्वीर में दिख रही चेक शर्ट वाली लड़की भी शामिल है।
अबतक 13 से पूछताछ हुई।
जांच में जुटी क्राइम ब्रांच अबतक 13 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इन सभी से पेरियार हॉस्टल में हुई मारपीट की घटना के बाद नकाबपोशों की भीड़ के साबरमती हॉस्टल में पहुंचने के बारे में जानकारी हासिल की गई। इन दोनों से पूछा गया कि आप लोग क्या हमलावरों को पहचानते हैं? उन लोगों ने यह हमला क्यों किया, जैसे सवालों के जवाब पूछे गए।
छात्रा ने किया है इनकार ।
क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो जिन तीन छात्रों अक्षत अवस्थी, रोहित शाह और चेक शर्ट वाली लड़की की स्टिंग के जरिये पहचान हुई है, उनमें से रोहित और छात्रा अभी पुलिस जांच में शामिल नहीं हुए हैं। पहले तो तीन-चार दिनों तक उनके मोबाइल फोन बंद आए थे। बाद में छात्रा ने महिला आयोग व दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखकर खुद को चेक शर्ट वाली लड़की होने से इनकार किया । हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि उसकी भूमिका क्या थी। वह मौके पर मौजूद थी या नहीं।
आज तीन युवको से पूछताछ।
मामले की जांच कर रही एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सोमवार (20 जनवरी) को फिर से अक्षत के साथ ही योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल से पूछताछ होगी। इन तीनों ही को सोमवार को बुलाया गया है। इस बार पूछताछ के साथ ही इनसे अन्य आरोपियों की भी पहचान कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों में मौजूद प्रदर्शनकारियों की अलग क्लीपिंग तैयार की है।
योगेंद्र है ग्रुप एडमिन
आरोप है कि योगेंद्र भारद्वाज ग्रुप एडमिन है और उसने ही लोगों को बुलाया था। वहीं अक्षत पर आरोप है कि उसने ग्रुप बनने के बाद अपने कुछ साथियों को बुलाया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि इन पहलुओं की जांच की जा रही है कि आखिरकार घटनाक्रम में किन-किन लोगों का हाथ था और किसकी क्या भूमिका थी।
अबतक क्या-क्या हुआ
जेएनयू हिंसा मामले में छात्र, सुरक्षा गार्ड समेत कुल 37 लोग घायल हुए थे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से दो जेएनयू प्रशासन की तरफ से आई शिकायतों के आधार पर, जबकि एक मामला पुलिस ने स्वतरू संज्ञान लेते हुए दर्ज किया।
एबीवीपी और वाम दलों के छात्र संगठनों व जेएनयू की तरफ से कुल 11 शिकायतों की पुलिस जांच कर रही है।
हिंसा को लेकर पुलिस ने पेरियार हॉस्टल के समीप स्थित बैंक सहित आसपास के सीसीटीवी और वायरल वीडियो सहित 25 फुटेज की जांच की।
पुलिस ने 80 लोगों के सीडीआर निकाले हैं, जिसके आधार पर 59 लोगों की पहचान हुई है। दो संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप की भी पहचान की है।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा के बाद एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया छात्र अक्षत अवस्थी शनिवार (18 जनवरी) को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ। एसआईटी ने अक्षत समेत तीन छात्रों के बयान दर्ज किए। वहीं, एसआईटी ने दो अन्य की पहचान कर उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया है। इनमें जेएनयू हिंसा में वायरल हुई तस्वीर में दिख रही चेक शर्ट वाली लड़की भी शामिल है।
अबतक 13 से पूछताछ हुई।
जांच में जुटी क्राइम ब्रांच अबतक 13 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। इन सभी से पेरियार हॉस्टल में हुई मारपीट की घटना के बाद नकाबपोशों की भीड़ के साबरमती हॉस्टल में पहुंचने के बारे में जानकारी हासिल की गई। इन दोनों से पूछा गया कि आप लोग क्या हमलावरों को पहचानते हैं? उन लोगों ने यह हमला क्यों किया, जैसे सवालों के जवाब पूछे गए।
छात्रा ने किया है इनकार ।
क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो जिन तीन छात्रों अक्षत अवस्थी, रोहित शाह और चेक शर्ट वाली लड़की की स्टिंग के जरिये पहचान हुई है, उनमें से रोहित और छात्रा अभी पुलिस जांच में शामिल नहीं हुए हैं। पहले तो तीन-चार दिनों तक उनके मोबाइल फोन बंद आए थे। बाद में छात्रा ने महिला आयोग व दिल्ली पुलिस को चिट्ठी लिखकर खुद को चेक शर्ट वाली लड़की होने से इनकार किया । हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि उसकी भूमिका क्या थी। वह मौके पर मौजूद थी या नहीं।
आज तीन युवको से पूछताछ।
मामले की जांच कर रही एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सोमवार (20 जनवरी) को फिर से अक्षत के साथ ही योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल से पूछताछ होगी। इन तीनों ही को सोमवार को बुलाया गया है। इस बार पूछताछ के साथ ही इनसे अन्य आरोपियों की भी पहचान कराई जाएगी। इसके लिए पुलिस ने वीडियो और तस्वीरों में मौजूद प्रदर्शनकारियों की अलग क्लीपिंग तैयार की है।
योगेंद्र है ग्रुप एडमिन
आरोप है कि योगेंद्र भारद्वाज ग्रुप एडमिन है और उसने ही लोगों को बुलाया था। वहीं अक्षत पर आरोप है कि उसने ग्रुप बनने के बाद अपने कुछ साथियों को बुलाया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि इन पहलुओं की जांच की जा रही है कि आखिरकार घटनाक्रम में किन-किन लोगों का हाथ था और किसकी क्या भूमिका थी।
अबतक क्या-क्या हुआ
जेएनयू हिंसा मामले में छात्र, सुरक्षा गार्ड समेत कुल 37 लोग घायल हुए थे, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था हिंसा को लेकर पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें से दो जेएनयू प्रशासन की तरफ से आई शिकायतों के आधार पर, जबकि एक मामला पुलिस ने स्वतरू संज्ञान लेते हुए दर्ज किया।
एबीवीपी और वाम दलों के छात्र संगठनों व जेएनयू की तरफ से कुल 11 शिकायतों की पुलिस जांच कर रही है।
हिंसा को लेकर पुलिस ने पेरियार हॉस्टल के समीप स्थित बैंक सहित आसपास के सीसीटीवी और वायरल वीडियो सहित 25 फुटेज की जांच की।
पुलिस ने 80 लोगों के सीडीआर निकाले हैं, जिसके आधार पर 59 लोगों की पहचान हुई है। दो संदिग्ध व्हाट्सएप ग्रुप की भी पहचान की है।
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