Thursday 23 January 2020

CAA असंवेधानिक


CAA असंवेधानिक कांगे्रस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को खुली चुनौती

Kapil Sibal


भारतीय संविधान के अनुसार 26 जनवरी 1950 में जब हिन्दुस्तान रिपब्लिक बना, भारतीय सीटीजनषिप एक्ट के आधार पर किसे नागरिकता मिलनी चाहिये। ये भारत के संविधान में लिखा हुआ है, जो लोग ब्।। का सर्मथन कर रहे है, चाहे वो देष के प्रधानमंत्री हो, गृह मंत्री या देष के आम नागरिक, षायद उन्होंने भारत के संविधान को नहीं पढ़ा है।

भारतीय सिटीजनषिप एक्त के अनुसार निम्न पांच आधार पर नागरिकता मिलती है।

1.  पैदाइस के आधार पर : भारतीय सीटीजनषिप एक्ट के अनुसार अगर कोई व्यक्ति भारत में पैदा होता है तो उसको यहा कि नागरिकता मिल जाती है। चाहे वो किसी भी धर्म में पैदा हो, हिन्दु पैदा हो, क्रिसचियन पैदा हो, बौध पैदा हो, जैन पैदा हो, सिख पैदा हो, चाहे मुस्लिम पैदा हो, धर्म से कोई मतलब नही ।

2. माता पिता कि पैदाइस के आधार परः   अगर किसी के माता-पिता यहां पैदा हो तो उसे भी नागरिकता मिल जयेगी। चाहे उसके माता पिता किसी भी धर्म में पैदा हो, हिन्दु पैदा हो, क्रिसचियन पैदा हो, बौध पैदा हो, जैन पैदा हो, सिख पैदा हो, चाहे मुस्लिम पैदा हो, धर्म से कोई मतलब नही ।

3. नेचरूलाइजेषनः अगर कोई भी व्यक्ति यहां 11 साल रह चुका है, उसे भी नागरिकता मिल जायेगी। चाहे वो व्यक्ति किसी भी धर्म से हो, हिन्दु हो, क्रिसचियन हो, बौध हो, जैन हो, सिख हो, चाहे मुस्लिम हो, धर्म कोई आधार नही।

4.  रजिसटेªषन के आधार पर: अगर कोई व्यक्ति ऐपलिकेषन देता है कि मुझे भारत का सिटीजन बनना है, तो वो भी भारत का सिटीजन बन सकता है, वो किसी भी धर्म का हो सकता है, धर्म कोई आधार नही ।

5.  टेरिसटेरियल इनकोरपोरेषन के आधार पर: जैसे पहले गोवा भारत का अंग नहीं था, लेकिन जब भारत में विलय हुआ तो जो भी गोवा में रहते थे, वो सब भारत के नागरिक होगे, वो कोई भी हो सकते है, हिन्दु हो सकते है, क्रिसचियन हो सकते है, बौध हो सकते है, जैन हो सकते है, सिख हो सकते है, मुस्लिम हो सकते है, धर्म कोई आधार नही।


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