भुंतर निवासी इंजीनियरिंग के छात्र ने चांद पर चलने वाली साइकिल का निर्माण किया है। नासा के वैज्ञानिक भी छात्र की प्रतिभा से हैरान हैं। साहेब सूद (शानू) ने अमेरिका में जाकर नासा के वैानिकों के सामने नासा द ग्रेट मून बग्गी रेस में प्रथम स्थान हासिल करके हिमाचल के साथ पूरे देश का नाम रोशन किया है।
साहेब ने बताया कि उनकी टीम ने पहली बार अपने कॉलेज से भारत के 14 राज्यों से आए विद्यार्थियों के साथ भाग लिया। वह अपनी टीम के लीडर थे। उन्हें खुशी है कि उन्होंने रेस में बेहतर प्रदर्शन किया है। साहेब ने बताया कि जो साइकिल उन्होंने तैयार की है, वह चांद पर जाने के लिए सबसे कम वजन वाली है। साइकिल आठ फुट लंबी है तथा चार टायरों वाली है जिसमें दो लोग आसानी से बैठ सकते हैं। साइकिल को छोटा कर इसे बाक्स भी बनाया जा सकता है और आसानी से यह बंद भी हो सकती है। इसे एक व्यक्ति आराम से उठा सकता है। साहेब ने बताया कि बचपन से ही उन्हें खिलौने तोड़ कर जोड़ने का शौक था। साइकिल को बनाने के लिए उनके साथियों सुबेरा सिंह, हरमन सिंह, पारुल कश्यप व पलाश पलाह का भी सहयोग रहा है।
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