Sunday, 7 October 2012

टॉयलेट को मंदिर से अहम बताकर फंसे जयराम


नई दिल्ली। टॉयलेट को मंदिर से अधिक अहम बताकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश एक बार फिर घिर गए हैं। भाजपा ने रमेश को धार्मिक विश्वास को ठेस पहुंचाने वाले बयानों से बाज आने की नसीहत दी है। कांग्रेस ने भी रमेश के बयान से दूरी बनाते हुए कहा है कि पार्टी सभी धर्मो का पूरा सम्मान करती है।

गौरतलब है कि रमेश ने वर्धा में शुक्रवार को निर्मल भारत यात्रा को हरी झंडी दिखाते हुए कहा था, 'हमारे देश में टॉयलेट से ज्यादा मंदिरों की संख्या हैं, लेकिन भारत में मंदिर से ज्यादा टॉयलेट महत्वपूर्ण हैं। 64 फीसद भारतीय खुले में शौच करते हैं। यह साबित हो चुका है कि खुले में शौच ही भारत में कुपोषण की बड़ी वजह है।' रमेश पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था, 'उत्तर प्रदेश में यदि खुले में शौच बंद हो जाए तो मैं मान लूंगा कि साईं बाबा जिंदा हैं।'

रमेश के बयान पर भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा, 'टॉयलेट का निर्माण और धार्मिक स्थलों में विश्वास दोनों अलग विषय हैं। भारत बहु-संस्कृति वाला देश है, जहां हमें मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च पर आस्था रखनी ही चाहिए। आप दोनों [मंदिर व टॉयलेट] को एकसाथ नहीं रख सकते।' उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री का बयान राजनीतिक से प्रेरित है। साथ ही सलाह दी कि वह संप्रग सरकार की खराब हो रही छवि को बचाने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा, 'मंदिर और टॉयलेट में क्या महत्वपूर्ण है' जैसे मुद्दे पर किसी को भी बहस नहीं करनी चाहिए।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है। सभी धर्मो और धार्मिक स्थलों का बराबर सम्मान करती है। मैं नहीं जानता कि रमेश के बयान का अभिप्राय क्या है। शायद इसे तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। वही इस पर बेहतर सफाई दे सकते हैं।'

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